दिल से मिले दिल तो सजा देते हैं लोग

 उस बेवफा ने मेरा दिल शीशे की तरह तोड़ दिया,

इसलिए हमने अपनी ज़िन्दगी का रास्ता ही मोड़ लिया,
बस मोहब्बत की बात ही मत करना,
क्योंकि अब हमने मोहब्बत करना ही छोड़ दिया।

क्या अजीब था उनका मुझे छोड़ के जाना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
कुछ इस तरह बर्बाद हुए उनकी मोहब्बत में,
लुटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं।

मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की,
तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा,
मैं एक उलझा लम्हा हूँ,
तू रूठा हुआ हालात मेरा।   



इश्क करना तो लगता है जैसे,
मौत से भी बड़ी एक सजा है,
क्या किसी से शिकायत करें हम,
जब अपनी तकदीर ही बेवफा है।

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।

मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नहीं,
शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नहीं है,
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया,
मैंने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं है।

जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं,
मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं,
दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं,
ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।

तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत
हम अपने ग़म से कब ख़ाली,
चलो बस हो चुका मिलना
न तुम ख़ाली न हम ख़ाली।

दिल से मिले दिल तो सजा देते हैं लोग ,
प्यार के जज्बातों को डुबा देते हैं लोग,
दो इँसानो को मिलते कैसे देख सकते हैं,
साथ बैठे दो परिन्दो को उड़ा देते हैं लोग।

हमने भी किसी से प्यार किया था,
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,
क्यों की उन्होने नही, हमने उनसे प्यार किया था..!!

करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को,
चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को,
करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई,
तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को।

कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में ,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं ,
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको ,
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं।

प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती,
अपनों की कमी कभी पूरी नहीं होती,
दिल से जुदा होना अलग बात है पर,
नजरों से दूर होना कोई दूरी नहीं होती।

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